प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों को विकसित करने के लिए शुरू की गई आदर्श ग्राम योजना हिमाचल प्रदेश में बहुत सुस्त दिख रही है। केंद्र सरकार द्वारा सांसदों और विधायकों को ग्राम सभाओं में जाने के लिए कहा था ।
आपको बता दे कि पंचायतीराज मंत्री अनिल शर्मा ने कहा कि केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय ने सांसदों और विधायकों को ग्राम सभाओं में जाने को कहा है। विधायक और सांसद ग्रामसभाओं में नहीं जा रहे हैं।
सूत्रों की माने तो सांसदों ने जिन गांवों को कागजों में अपनाया था, वह की यथास्थिति में कुछ बदलाव नज़र नहीं आ रहे है। और हालात इतने बद्दतर हो गये है की गोद लिए हए गांवों की जनता अपने सांसदों के दर्शन को तरस गई है। इस पर ग्राम प्रधानों में भी रोष व्याप्त है उनका कहना है कि न तो सांसद आते हैं न ही उनके गांवों की समस्याएं हल हो रही हैं और हालात दिन पर दिन बिगड़ रहे है।
विश्वस्निय सूत्र बताते है की हिमाचल प्रदेश के चारों सांसदों ने बीते एक साल में गाँव में एक बाद दर्शन की रस्म निभाई और फिर ऐसे गये की गावों की तरफ मुड़कर नहीं देखा। इस पर केंद्र ने प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर एक बार फिर सांसदों और विधायकों की ग्राम सभाओं में उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा है।