कोरोना के मद्देनज़र वक्त से पहले कुंभ समापन की चर्चाएं तेज़ ! जानें क्या है सरकार का फैसला..

कोरोना ने पिछले साल सभी तरह के तीज-त्यौहार,उत्सवों और मेलों के रंग में भंग डाल दिया था। हालांकि नए साल की शुरूआत के साथ ही महामारी की रफ्तार धीमी पड़ने लगी और ज़िंदगी फिर पटरी पर लौटने लगी। इस साल कुंभ का आयोजन भी हुआ, लेकिन एहतियात के तौर पर सरकार ने कुंभ को देरी से शुरू करने का फैसला  किया। इस तरह कोरोना के साए में 1 अप्रैल से कुंभ की औपचारिक तौर पर शुरूआत हुई,जो कि 30 अप्रैल तक के लिए प्रस्तावित है ।

बैसाखी  के शाही स्नान वाले दिन देवभूमि में  मिले 1953 संक्रमित

इन दिनों कोरोना फिर कहर बरपा रहा है उत्तराखंड में हर रोज़ कोरोना 1 हज़ार से ज्यादा लोगों पर हमला बोल रहा है,तो वहीं बैसाखी  के शाही स्नान वाले दिन भी कोरोना संक्रमितों का आंकडा 1953 तक जा पहुंचा। जिसमें कुंभ में स्नान करने वाले 17 संत भी पॉजिटिव पाए गए।

वक्त से पहले कुंभ समापन की सुगबुगाहट…

कोरोना के इस कहर के बीच हर तरफ चर्चाएं ज़ोर पकड़ने लगीं कि आखिरी शाही स्नान यानि 27 अप्रैल से पहले कुंभ का समापन किया जा सकता है। लेकिन सरकार ने ऐसी चर्चाओं पर पूर्ण विराम लगा दिया । मुख्यसचिव ओम प्रकाश ने कहा कि कुंभ सरकार की नोटिफिकेशन के मुताबिक 30 अप्रैल तक जारी  रहेगा ।

बता दें कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने हरिद्वार कुंभ मेले के संबंध में मुख्य सचिव ओम प्रकाश एवं स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी के साथ विचार-विमर्श किया। उन्होंने कुंभ मेले में कोरोना से बचाव को लेकर किए जा रहे उपायों, कोविड-19 की जांच और टीकाकरण के बारे में भी जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेला स्थल पर तमाम जरूरी व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद रखने के निर्देश दिए गए हैं।

 

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here