लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी कुशल चुनावी रणनीति से एक बार फिर विरोधी खेमे में हलचल मचा दी है। उन्होंने अयोध्या में भजन संध्या स्थल बनाने, कैलाश मानसरोवर तीर्थ यात्रियों को 50-50 हजार का चेक देने, नि:शुल्क सिन्धु दर्शन और समाजवादी श्रवण यात्रा से खुद को हिन्दुओं का हितैषी साबित करने का काम बखूबी किया है। इसका सीधा असर बीजेपी के वोट बैंक पर पड़ रहा है। इसलिए बीजेपी खेमे में खलबली मच गई है। वहीं राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा भी शुरू हो गई है कि यदि सब कुछ अखिलेश यादव की प्लानिंग के मुताबिक चलता रहा तो आने वाले चुनाव में बीजेपी के सामने हिन्दू वोट बैंक हासिल करने का चिरपरिचित अध्योध्या मंदिर का मुद्दा भी कामयाब नहीं हो पायेगा।
भारतीय जनता पार्टी की तरफ से हमेशा लोक सभा और विधानसभा चुनावों से कुछ समय पहले अयोध्या में राम मंदिर बनाने का मुद्दा उठाया जाता रहा है। बीजेपी राम मंदिर के मुद्दे को ब्रह्मास्त्र की तरह इस्तेमाल करती रही है लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा के ब्रह्मास्त्र की काट ढूंढ ली है। उन्होंने राम मंदिर के विवादित मुद्दे को अनदेखा करके हिन्दू धर्म के लोगों की आस्था और विश्वास से जुडे धार्मिक स्थलों, यात्राओं और आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। प्रदेश में पहली बार सरकार ने नि:शुल्क श्रावण यात्रा योजना का शुभारंभ किया। अब तक श्रवण यात्रियों का कई जत्था प्रदेश सरकार की योजना से लाभान्वित हो चुका है। इसके अलावा कैलाश मानसरोवर तीर्थ यात्रा और सिन्धु दर्शन के लिए भी प्रदेश सरकार की तरफ से अनुदान दिया जा रहा है। इसमें प्रदेश सरकार कैलाश मानसरोवर तीर्थ यात्रियों को 50 हजार रुपये और सिन्धु दर्शन के लिए 10 हजार रुपये का प्रति तीर्थ यात्री अनुदान देने की शुरूआत की गई है।
संतों ने दिया मुख्यमंत्री को धन्यवाद
महंत ज्ञानदास श्रीधराचार्य ने अयोध्या में भजन संख्या स्थल का निर्माण कराये जाने पर अपनी खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बहुत ही सराहनीय काम किया है। इससे संत समाज को संजीवनी मिलेगी और अयोध्या में राम लला का दर्शन करने आने वाले श्रद्घालुओं को लाभ मिलेगा। गौरतलब है कि यह भजन संध्या स्थल 15 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा, जिसमें 500 श्रद्घालुओं के बैठने की जगह होगी। इसके अलावा भजन संध्या स्थल में
हवा, लाइट और पीने के पानी समेत अन्य सभी सुविधाएं भी मौजूद रहेंगी।