देहरादून।कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की मुश्किलें आने वाले दिनों और बढ़ सकती है। सन्निर्माण श्रमिक एवं कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष की कुर्सी जाने से नाराज हरक सिंह की करीबी दमयंती रावत को भी बोर्ड सचिव पद से हटाया जा चुका है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार अब हरक के बतौर बोर्ड अध्यक्ष लिए निर्णयों की पड़ताल शुरू हो गयी हैं। जल्द ही कुछ प्रकरणों को लेकर जांच आदेश भी जारी हो सकता है।
शासन ने कुछ दिन पहले कर्मकार कल्याण बोर्ड का पुनर्गठन कर दिया। मुख्यमंत्री के निर्देश पर बोर्ड का अध्यक्ष सत्याल को बनाया गया, जबकि इस संबंध में विभागीय मंत्री हरक सिंह को जानकारी तक नहीं हुई। हरक चाह रहे थे कि बोर्ड का कार्यकाल एक वर्ष के लिए बढ़ाया जाए। सूत्रों की माने तो बोर्ड में कई तरह की गड़बड़ियों की शिकायत मुख्यमंत्री के दरबार पहुंची थी। इसी के आधार पर बोर्ड का पुनर्गठन करने के संकेत सीएम कार्यालय से शासन को मिले।

हरक बोर्ड से बाहर किये जाने पर नाराज हो गए। उनकी इस मामले में चुप्पी तब टूटी जब नवनियुक्त अध्यक्ष शमशेर सत्याल ने हरक की करीबी दमयंती को हटा दिया। हरक ने दमयंती को हटाने पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने अध्यक्ष की कार्रवाई को असंवैधानिक करार दिया है। बतौर श्रम मंत्री हरक ने दमयंती को ही सचिव घोषित किया है।
हरक ने भले सत्याल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया, लेकिन जानकार मानते हैं कि ये स्पष्ट है कि सत्याल बिना सीएम दरबार की सहमति के इतना बड़ा निर्णय मंत्री के खिलाफ नहीं ले सकते। हरक सत्याल के अधिकारों पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। सूत्रों की माने तो बोर्ड में वित्तीय लेनदेन से संबंधित कुछ फाइलें लापता बताई जा रही हैं। बोर्ड की और से श्रमिक कल्याण योजनाओं को लेकर हुई खरीद पर भी नए अध्यक्ष की नज़र है। अगर समीकरण नहीं बदले तो जल्द ही हरक को जांच की तपिश झेलनी पड़ सकती है।




