केदारनाथ यात्रा के सुने अनुभव, मांगे सुझाव !   

कुलदीप राणा/रूद्रप्रयाग:   वर्ष 2017 की श्री केदारनाथ यात्रा के सफल संचालन हेतु जिला मुख्यालय के गुलाबराय स्थिति होटल रुद्राक्ष में एक डीब्रीफिंग एवं रात्रि भोज का आयोजन किया गया जिसमें जिले के वे सभी अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे जो वर्ष 2017 की केदारनाथ यात्रा से जुड़े हुए थे। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सम्पन्न इस आयोजन में 710 पुलिस और प्रशासन के अधिकारी कर्मचारियों को सम्मानित कर प्रसस्ति पत्र दिया गया जिन्होंने वर्ष 2017 की श्री केदारनाथ की यात्रा के सफल संचालन में अपनी जिम्मेदारियों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया। साथ ही जिलाधिकारी ने यात्रा से जुड़े सभी अधिकारी कर्मचारियों से अपने अनुभव व सुझाव भी आमंत्रित करने के लिए कहा ताकि आने वाली यात्रा को और बेहत्तर ढंग से सम्पादित किया जा सके।  इस कड़ी में मुख्य चिकित्सा अधिकारी सरोज नैथानी ने कहा कि केदारनाथ में आक्सीजन की कमी रहती हैं जिससे देश-विदेश से आये हुए लोगों को सबसे अधिक परेशानी होती हैं उन्होंने कहा कि अकेले इस वर्ष 37 लोगों की हृदय गति रूकने से केदानाथ में मृत्यु हुई है। केदारनाथ में मौजूद चिकित्सा विभाग के पास सिर्फ दो ही कमरे हैं अगर 4 से 6 बेड और हमें उपलब्ध कराये जाय, साथ ही उन्होंने एयर एम्बुलेंस की आवश्यकता पर भी बल दिया ताकि  चिकित्सा संबंधित सेवायें प्रदान करने में और आसानी होगी। इसके साथ ही विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता ने कहा कि विजली विभाग और जल संस्थान के पास उपकरण रखने के लिए केदारनाथ में कोई स्टोर नहीं हैं जिससे केदारनाथ सामग्री पहुँने में समय लगता है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी रमेश नितवाल ने कहा कि केदारनाथ में कार्य करने वाले कर्मियों का टीएडीए बढ़ाया जाय क्योंकि जो टीएडीए उन्हें वहां पर मिलता है उससे अधिक उनका वहां खर्च हो जाता है। साथ उन्होंने वहां पर ड्यूटी करने वाले अधिकारी कर्मचारियों को उचित रहने और खाने की व्यवस्था पर भी जोर दिया। संख्याधिकारी ने हा कि गौरीकुण्ड से केदारनाथ तक के पैदल रास्ते में घोड़े खच्चरों को अलग रास्ता बनाया जाय ताकि पैदल चलने वाले यात्रियों को किसी भी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े। इसके अलावा पांच सेक्टरों पर तैनात कई अन्य अधिकारियों ने भी अपने सुझाव दिए और खास तौर पर घोड़े खच्चरों के मनमाने दामों को लेकर सख्ती करने की मांग की गई। जबकि घोड़े खच्चरों के साथ नाबालिक हकरों को न रखने की बात भी कही गई। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने सभी सुझाव को नोट कर कहा कि आने वाली यात्रा में इन बिन्दुओं को प्राथमिकता के साथ व्यवहार में उतरा जायेगा।साथ ही शासन स्तर के मामलों को शीघ्र शासन को भेजने की बात कही।

 

 

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