देहरादून – केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए दो हजार करोड़ से अधिक लागत से रोपवे का निर्माण किया जाएगा। एनएचएआई की एजेंसी नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड ने दोनों रोपवे की डीपीआर तैयार कर ली है। अब वन भूमि हस्तांतरण के लिए केंद्र के साथ प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा पांच और रोपवे के लिए एनएचएआई ने सर्वे का काम शुरू कर दिया है।
सोमवार को पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की 22वीं बोर्ड बैठक में कई प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। सोनप्रयाग से केदारनाथ रोपवे का निर्माण 1200 करोड़ और हेमकुंड साहिब से गोविंदघाट रोपवे का निर्माण 850 करोड़ से किया जाएगा। इसके अलावा पंच कोटी से बौराड़ी, बलाटी बैंड से खलिया टॉप, ऋषिकेश से नीलकंठ, औली से गौरसौं और रानीबाग से हनुमान गढ़ मंदिर के बीच रोपवे के लिए सर्वेक्षण शुरू कर दिया गया है।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि औली को साहसिक गतिविधियों के लिए ट्रेनिंग हब के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए मास्टर प्लान के लिए 1.50 करोड़ की स्वीकृति दी गई। बुग्यालों में ट्रेकिंग को शुरू करने के लिए सरकार प्रयास करेगी। ट्रेकिंग की अनुमति के लिए हाईकोर्ट के समक्ष पक्ष रख जाएगा।
बोर्ड बैठक में परिषद के माध्यम से होने वाली विभिन्न गतिविधियों को मंजूरी दी गई। परिषद के ढांचे में 94 अतिरिक्त पदों के सृजन का प्रस्ताव भी शासन को भेजने का निर्णय लिया गया। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए परिषद की गतिविधियों को संचालित करने के लिए कुल 55 करोड़ के बजट पारित किया गया। पैराग्लाइडिंग, माउंटेन बाइकिंग, एडवेंचर समिट, स्कीइंग चैंपियनशिप, टिहरी झील महोत्सव, योग महोत्सव के आयोजन का प्रस्ताव बोर्ड में रखा गया। पर्यटन के प्रचार-प्रचार के लिए 30 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया गया है।