केदारनाथ आपदा की 8वी बरसी आज, इस त्रासदी में गयी थी कई हज़ार लोगों की जान…..

आज ही के दिन 8 साल पहले (16 जून 2013) कुदरत ने केदारनाथ समेत उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में जो तांडव मचाया था, उसे याद करते हुए आत्मा कांप जाती है. केदारनाथ की जलप्रलय चार हजार से अधिक लोगों को निगल गई. किसी ने सोचा भी नहीं था कि मंदाकिनी नदी इतना विकराल रूप धारण कर लेगी. इस त्रासदी में लापता हुए लोगों के रिश्‍तेदार आज भी अपनों का इंतजार कर रहे हैं.

जल प्रलय में 4 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे जून 2013 में आपदा से केदारनाथ धाम को खासा नुकसान हुआ था. यहां मंदिर परिसर को छोड़ शेष पूरा क्षेत्र बाढ़ से तहस-नहस हो गया था. चौराबाड़ी में बनी झील उस दिन करीब 24 घण्टे हुई लगातार बारिश के बाद टूट गई थी. झील का पानी पहाड़ से नीचे आया जिसने मंदाकिनी के साथ मिलकर जबरदस्त तबाही मचाई थी. जल प्रलय में 4400 से ज्यादा लोग मारे गए थे. जान बचाने के लिए केदारघाटी के आसपास के जंगलों में भागे 55 लोगों के नरकंकाल बाद में चले रेस्क्यू कार्य के दौरान मिले थे.

केदारघाटी में आए जलप्रलय का असर अलग-अलग स्थानों पर भी पड़ा जिसमें 991 लोगों की जान गई थी. 11 हजार से ज्यादा मवेशी पानी में बह गए थे. 1309 हेक्टेयर भूमि बह गई. 9 राष्ट्रीय मार्ग एवं 35 स्टेट हाई वे क्षतिग्रस्त हो गए. करीब 2385 सड़कों को बड़ा नुकसान हुआ. 85 मोटर पुल एवं 172 छोटे बड़े पुल प्रलय में बह गए. 

नए निर्माण के बाद केदारघाटी पूरी तरह से बदली पहले चरण के कार्य पूरे हो चुके हैं और दूसरे चरण के कार्यों पर काम शुरू हो गया है. केदारघाटी को फिर से खड़ा करने में 6 वर्ष लग गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कई बार वहां चल रहे विकास कार्यो का जायजा लिया. बीते 8 सालों में केदारनाथ धाम की तस्वीर बदल गई है.

आज केदारनाथ धाम में पुर्ननिर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहे हैं. उत्तराखंड के लोग इस प्रकृति की मार को झेलने के बाद धीरे-धीरे अपनी ज़िंदगी वापस पटरी ले आए हैं. नए निर्माण के बाद केदारघाटी भी अब पूरी तरह से बदल गई है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here