कुमाऊं की व्यस्था और चुस्त-दुरुस्त करेंगे राजीव रौतेला

देहरादून। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी राजीव रौतेला ने भले ही अभी कुमाऊं मंडलायुक्त की कमान नहीं संभाली है लेकिन मंडल की चुनौतियां उनसे अछूती नहीं है। कार्यभार ग्रहण करने के बाद वे चुनौतियों को जनहित में बदलेंगे। इसके लिए उन्होंने मन बना लिया है। वरिष्ठ आईएएस राजीव रौतेला मानते हैं कि चुनौतियां होती ही स्वीकारने के लिए हैं और उन्हें कुमाऊं की व्यवस्था को और चुस्त-दुरुस्त बनाना होगा। इसके लिए वह सामाजिक संगठनों का भी सहयोग लेंगे। उत्तर प्रदेश में शिक्षित-दीक्षित, इलाहाबाद में प्रशासनिक सेवा की तैयारी करने वाले राजीव रौतेला देहरादून से जुड़े हैं। उन्होंने 1982 में यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण की थी और तभी से पीसीएस में चयनित होकर सेवा में आ गए थे।
नवंबर 2000 में उत्तराखंड बनने के बाद राजीव रौतेला को उत्तराखंड आवंटित किया गया था लेकिन व्यक्तिगत कारणों से यहां नहीं आ सके। वर्ष 2002 में प्रोन्नत होकर आईएएस हो गए। आईएएस राजीव रौतेला का कहना है कि उनका कहना है कि शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता और शासन स्तर पर चल रहे कार्यक्रमों को लागू कराने के अलावा मंडल की शांति व्यवस्था बनाए रखना महत्वपूर्ण है, इसके लिए वह हरसंभव प्रयास करेंगे ताकि जनता को लाभ मिले और सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन हो। श्री रौतेला स्वीकारते है कि मंडल का राजस्व प्रशासन और मंडल के विकास पर कार्य करना है। कुमाऊं मंडल की चुनौतियों को लेकर उनका कहना है कि गैरसरकारी संगठनों से बात करके पर्यटन और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए एक अच्छी नीति बनाएंगे।
कुमाऊं मंडल में विकास की संभावनाएं बहुत है। वर्तमान में प्राधिकरण में गांवों को शामिल करना एक बड़ी चुनौती है। वैसे भी मंडलायुक्त जिला विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष होते हैं ऐसे में उनके सामने विभिन्न गांवों को प्राधिकरण में शामिल करने की चुनौती होगी। नैनीझील जो राष्ट्रीय स्तर पर गिरता जल स्तर चर्चा का विषय है तथा महत्वपूर्ण समस्या है। इसे भी सुलझाना एक महत्वपूर्ण चुनौती है। इसके अलावा यातायात का दबाव और वाहनों के रुकने का प्रबंध करना तथा यात्रा काल के दौरान कानून व्यवस्था, यातायात प्रबंधन आदि बड़ी समस्याएं है, जिनकी चुनौतियों से भी मंडलायुक्त श्री रौतेला को निपटना होगा।

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