प्यार की न कोई उम्र है और न ही कोई सीमा, प्यार किशोरों को भी होता है और उम्रदराज लोगों को, लेकिन किशोरों इस मामले में थोड़ा कच्चे होते हैं और ब्रेकअप को संभाल नहीं पाते |
आज के दौर में किशोरावस्था में प्यार हो जाना कोई बड़ी बात नहीं है, पर कई बार ऐसे रिश्तों में दिल भी जल्दी ही टूट जाया करते है। फिर बच्चों को संभालना मुश्किल हो जाता हैआइये जानते है कि ऐसे हालातों से कैसे निपटें।
-आपके बच्चे की पढ़ाई की बात हो या दिल की आप उससे हर बारें में पहले अच्छे से जान ले। उसको क्या परेशानी हो रही है इस बात को जानने के बाद ही आप उसको संभाल सकते है। बच्चों को प्यार और आकर्षण का अंतर भी समझायें। उससे खुल कर बात करें। उसे समझायें।
-किशोरावस्था के प्यार के चलते अक्सर पढ़ाई प्रभावित हो जाती है। बच्चे को पढ़ाई का महत्व प्यार से समझायें। उसे समझायें कि ये उम्र पढ़ाई करने के लिए कितनी जरूरी है। ये पढ़ाई उसके करियर की नींव होती है। इस समय पढ़ाई के प्रति लापरवाही उसके भविष्य को खराब कर सकती है। जरूरत हो तो काउंसलर के पास ले जाए।
-अगर आप लग रहा कि आपका बच्चा दोस्तों के साथ ज्यादा कंफर्टेबल है तो उसके दोस्तों को घर बुलायें। उन्हें बात करने का मौका दें। ताकि वो अपने मन की बात को कह सकें। साथ उनकी आपस की मस्ती भी उसे पुरानी बातों को भुलाने में मदद करेंगी।
-गाने सुनना, गाना या लिखने से लेकर पेंटिंग तक जो भी आपके बच्चे की हॉबी हो उसे करने के लिए प्रेरित करें। इससे उसका मन बहलेगा। पर ध्यान रखें कि अपनी हॉबी को करते समय उसका मन कैसा रहता है। उसको घुमाने भी ले जा सकते है।