कामगारों के हितो के लिए डाॅ0 हरक सिंह रावत ने दिए निर्देश

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प्रदेश के कैबिनेट मंत्री डाॅ0 हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में विधानसभा स्थित सभागार में पंजीकृत कामगारों तथा मनरेगा में नियोजित निर्माण श्रमिक हेतु संचालित कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा बैठक की गयी.

इस बैठक में मंत्री डाॅ0 रावत ने श्रम चिकित्सा सेवा योजना की समीक्षा के दौरान बीमा कम्पनियों से प्रदेश में पंजीकृत लगभग 1.78 लाख कामगारों को शत प्रतिशत चिकित्सा का लाभ दिलाने हेतु सुझाव मांगे तथा प्रमुख सचिव श्रम को एम0एस0बी0वाई0 योजना में चिकित्सा सुविधा से छूटे पंजीकृत कामगारों को मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना की पात्रता सूची में शामिल कराने के प्रस्ताव पर चर्चा हुई।

डाॅ0 रावत ने ऐसा साफ्टवेयर तैयार कराने के निर्देश दिये, जिससे मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा से आच्छादित तथा बोर्ड से पंजीकृत अनाच्छादित कामगारों की अलग-अलग संख्या पता चल सके ताकि योजना में पंजीकृत लाभार्थी निर्माण श्रमिकों के अनुसार प्रीमियम की अंशदान राशि बीमा कम्पनी को दी जा सके तथा श्रम कल्याण बोर्ड में पंजीकृत शतप्रतिशत श्रमिकों को चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराई जा सके।

कतिपय कामगार जो स्थाई निवासी नहीं हैं तथा मुख्यमंत्री राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के अन्तर्गत नहीं आते हैं, का अलग से प्रीमियम विभाग ने बीमा कम्पनियों को उपलब्ध कराकर उन्हें चिकित्सा सेवा की सुविधा का लाभ दिलाया जाये।

ऐसे कामगारों जो भूमिहीन हैं, को भी शौचालय निर्माण योजना का लाभ दिलाने के निर्देश दिये। डाॅ0 रावत ने पंजीकृत कामगारों के उच्चशिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों को पढ़ाई के लिए अनुमन्य आर्थिक सहायता पर भी चर्चा करते हुए डाक्टरी तथा इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण छात्रों हेतु तय ट्यूशन फीस के अनुपात में आर्थिक सहायता दिलाने के निर्देश दिये गये।

डाॅ0 रावत ने अस्थायी निवासी श्रमिकों जो कि कल्याण बोर्ड में पंजीकृत है तथा आधार कार्ड एवं मतदाता पहचान पत्र नहीं बना पाये हैं, को भी श्रमिक कल्याण बोर्ड ने जारी परिचय पत्र के आधार पर चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने की सम्भावना पर विस्तार से चर्चा करते हुए उनको भी लाभान्वित करने के निर्देश दिये गये।

अपर सचिव श्रम पंकज पाण्डेय मंत्री के संज्ञान में लाये कि वर्तमान में कक्षा-1 से 5 तक 200 रूपये कक्षा-6 से 8 तक 300 रूपये, कक्षा-9 से 10 तक 400 रूपये, कक्षा-11 से 12 तक 500 रूपये, स्नातक तथा परास्नातक तक 800 रूपये, पाॅलिटैक्निक हेतु 1000 रूपये, तथा उच्च व्यवसायिक शिक्षा हेतु 2500 रूपये प्रतिमाह की धनराशि की सहायता कामगार के बच्चों को दी जाती है।

डाॅ0 रावत ने कामगार पर आश्रित पुत्रियों के विवाह हेतु सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजन के निर्देश दिये तथा श्रम कल्याण बोर्ड की दी जाने वाली 51,000 रूपये की आर्थिक सहायता विवाह के दौरान देने के निर्देश दिये। उन्होंने सामूहिक विवाह आयोजन का खर्च का प्राविधान भी श्रम विभाग से करने के निर्देश दिये।

श्रम मंत्री ने टूल्सकिट्स सहायता योजना, महिला कामगारों हेतु दी जाने वाली प्रसूति प्रसुविधा, मैदानी क्षेत्र के मामले निर्माण श्रमिक में साईकिल तथा पर्वतीय क्षेत्र के मामले में श्रमिक अथवा उनके आश्रित को सिलाई मशीन योजन सोलर लाईट योजना, छाता वितरण योजना, श्रमिकों के कौशल उन्नयन योजना, निर्माण श्रमिकों के परिवारों की महिलाओं को एसएचजी ग्रुप के माध्यम से प्रशिक्षित करने की योजना, मृत्यु सम्बन्धी आर्थिक सहायता, अन्त्येष्टि संस्कार हेतु सहायता सहित श्रमिकों के कल्याण की अनेक योजनाओं की समीक्षा करते हुए उन्हें और विस्तार करने की आवश्यकता पर बल दिया।

बैठक में प्रमुख सचिव श्रीमती मनीषा पंवार, अपर सचिव पंकज पाण्डेय, उप श्रम आयुक्त विपिन कुमार तथा बीमा कम्पनियों के अधिकारी उपस्थित थे।

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