कहाँ दब गयी 5 करोड़ की रिश्वत प्रकरण की सीडी

देहरादून। उत्तराखंड ऊर्जा विभाग में तथाकथित रूप से भ्रष्टाचारों व घोटालों का सम्राट  रहे एसएस यादव अब उत्तराखंड के बाद राजस्थान के जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में एक साल तक एमडी व बोर्ड निदेशक के रूप में जॉइन कर एक नया कीर्तिमान स्थापित करेंगे? राजस्थान में एक साल के लिए नियुक्ति हुई है। उल्लेखनीय है एक ओर जहां इस यादव पर  उत्तराखंड के यूपीसीएल व पिटकुल में इनके कार्यकाल के अनेकों भ्रष्टाचार के मामलों में कार्यवाहियां लम्बित है तथा रिश्वत कांड जिसकी सीडी भी तत्कालीन मानव संसाधन विभाग सरकार के सामने उजागर हो चुकी है। उस समय भाजपा जो विपक्ष में थी, दिन रात उसने इस मुद्दे पर खूब हल्ला मचाया। यह सीडी मानव संसाधन सरकार ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए जांच बिठाई थी। उक्त जांच  भी आईएएस नीरज खैरवाल कर रहे थे। इस मुद्दे को भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं उठाया था। विनय गोयल जो इस महानगर अध्यक्ष है, इस मुद्दे को उठाने के लिए विशेष प्रयास कर रहे थे, लेकिन अब अपनी सरकार में सब चुप है।

आज जब भाजपा की सरकार में सत्तासीन है तो उक्त मामले पर चुप्पी उसकी नियत पर सवालिया निशान लगा रही है? क्या ये भ्रष्टाचार के मामले केवल राजनीतिक स्टंट थे? क्या सभी भ्रष्टाचारियों को चुपचाप से क्लीन चिट देदी गयीं? या फिर जिनमे भाजपा की सांठगाठ व बंदरबांट हो गया उनको छोड़ कर बाकी मामले ही भ्रष्टाचार की परिधि में रह गए !  बिना विजिलेंस क्लीयरेंस एवं अनापत्ति प्रमाणपत्र के इस नियुक्त पर क्या टीएसआर सरकार डबल इंजन वाली राजस्थान सरकार से संपर्क कर इस नियुक्ति का पर्दाफाश कराएगी?  यह प्रश्न अब राजनीतिक गलियारों मे तैर रहे हैं और विपक्षी दल इसको मुद्दा बनाने वाले है।

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