करवा चौथ का त्योहार विवाहित महिलाओं के लिए सबसे खास माना जाता है। इस दिन कुछ काम करने का विशेष महत्व होता है। यदि व्रत के साथ-साथ पूरी श्रद्धा और प्रेम से कुछ खास काम किए जाएं तो महिलाओं को उनके व्रत का फल जरूर मिलता है, आगे की स्लाइड्स में जानें क्या हैं ये खास काम…
अपनी बहू को दें सरगी
सरगी करवा चौथ के व्रत का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होती है। व्रत शुरू होने से पहले सास आपनी बहू को कुछ मिठाइयां और कपड़े और श्रृंगार का सामान देती हैं। करवा चौथ के दिन सूर्योदय होने से पहले सुबह लगभग चार बजे के आस-पास महिलाएं इस सरगी को खाकर अपने व्रत की शुरुवात करें। इसके बाद पूरा दिन पूरी श्रद्धा के साथ उपवास करें और चांद निकलने पर अपना व्रत खोलें।
बेटी के घर भेजें बाया
जिस तरह सास का अपनी बहू को सरगी देना महत्वपूर्ण रस्म है। उसी तरह बाया, मां और बेटी से जुड़ी रस्म है। शाम को चौथ माता की पूजा शुरू होने से पहले अपनी बेटी के घर कुछ मिठाइयां, तोहफे और ड्राई फ्रूट्स भेजे जाते हैं। इसे बाया कहा जाता है। ध्यान रखें बाया पूजा शुरू होने से पहले ही पहुंचाया जाए।
एकचित्त होकर सुनें कथा
करवा चौथ में जितना महत्व व्रत और पूजा करने का होता है, उतना ही महत्व करवा चौथ की कथा सुनने का भी होता है। कई महिलाओं को कथा सुनने में रुचि नहीं होती और इसी वजह से वे कथा में अपना ध्यान नहीं लगातीं। लेकिन यह बहुत ही गलत होता है। इस त्योहार में जितना जरूरी व्रत और पूजा करना होता है, उतना ही जरूरी कथा सुनना भी होता है। इसलिए सभी महिलाओं को एकचित्त होकर कथा सुननी चाहिए।
गाएं करवा चौथ के गीत
करवा चौथ की पूजा के लिए आस-पास की सभी महिलाएं एक जगह मिलकर व्रत कथा सुनती हैं और पूजा करती हैं। ऐसे में पूजा के समय करवा चौथ के गीत और भजन गाना चाहिए। करवा चौथ पर इस बात का बहुत महत्व होता है। ऐसा करने से वातावरण शुद्ध होता है और पूजा का पूरा फल प्राप्त होता है।
पहनें लाल साड़ी या लहंगा
करवा चौथ का व्रत महिलाओं के वैवाहिक जीवन से जुड़ा होता है, इसलिए हो सके तो इस दिन पूजा के समय महिलाओं को अपनी शादी का जोड़ा पहनना चाहिए। अगर शादी का जोड़ा न पहन सकें तो लाल रंग की साड़ी या लहंगा पहनना अच्छा माना जाता है। लाल रंग प्रेम का प्रतीक माना जाता है और करवा चौथ के दिन ज्यादा से ज्यादा इसी रंग का प्रयोग करना चाहिए।