भाजपा के पास बहुमत का आंकड़ा न होने की वजह से मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने शनिवार को इस्तीफा दे दिया। येदियुरप्पा ने बहुमत का प्रस्ताव पेश तो किया, लेकिन फ्लोर टेस्ट के लिए नहीं गए। इससे पहले उन्होंने करीब 20 मिनट तक भावुक स्पीच दी। उन्होंने कहा कि राज्य में कांग्रेस और जेडीएस के खिलाफ जनादेश है। अगर हमें 113 सीटें मिली होती तो आज स्थिति कुछ और होती। येदियुरप्पा ने 17 मई को अकेले शपथ ली थी। इसके पहले कर्नाटक में बहुमत का ड्रामा जमकर चला। दिनभर कभी बीजेपी के पास बहुमत होने और न होने की खबरें आती रहीं। यहां तक कि कांग्रेस और जेडीएस के दो-दो विधायकों के गायब होने की खबर आई। आखिर में इस गठबंधन के सभी विधायक (कांग्रेस 78 + जेडीएस 37) सदन में पहुंच गए।
कर्नाटक में आगे क्या होगा?
कांग्रेस और जेडीएस मिलकर सरकार बनाएंगे। अगले मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी हो सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो वे दूसरी बार मुख्यमंत्री बनेंगे। इससे पहले वे 3 फरवरी 2006 से लेकर 8 अक्टूबर 2007 तक मुख्यमंत्री रहे। उस वक्त बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी।
आलाकमान से बात कर येदि शक्ति परीक्षण के लिए नहीं गए
ऐसा बताया जा रहा है कि जब भाजपा को इस बात का आभास हो गया कि वह बहुमत जुटा नहीं पाएगी। तब सुबह यह फैसला किया गया कि वह फ्लोर टेस्ट के लिए नहीं जाएंगे। इसके बाद येदियुरप्पा ने सदन में बहुमत के प्रस्ताव पेश किया और भावुक भाषण दिया।
येदियुरप्पा ने कहा- मैं राज्य की जनता को आश्वासन देता हूं जब तक मैं हूं। मैं राज्य में हर जगह जाउंगा और लोगों से मिलूंगा। हम सब फिर से कोशिश करेंगे और फिर जीतकर आएंगे। चुनाव कब आएगा मालूम नहीं। 5 साल बाद आएगा या इसके पहले भी आ सकता है। मैं फिर लौट के आऊंगा।