हरिद्वार – देवभूमि उत्तराखण्ड में 02 साल बाद बिना किसी पाबंदी के शुरू हुई चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं का ऐसा रेला उमड़ रहा है कि चारोंधामों में तिल रखने की जगह भी नहीं बच रही है। प्रतिदिन बड़ी संख्या में यात्री चारधाम यात्रा के लिए आ रहे हैं, जिसकी वजह से यात्रा के लिए किए जा रहे पंजीकरण स्लॉट फुल हो गए हैं। बद्रीनाथ धाम में जहां 26 मई तक स्लॉट बुक हो चुके हैं वहीं अन्य धामों के लिए 16 जून तक स्लॉट फुल हो गए हैं। ऐसे में देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालु परेशानी का सामना उठा रहे हैं, हरिद्वार में पंजीकरण केंद्र पर यात्री पहुंच रहे हैं और स्लॉट बुक होने की वजह से परेशान हो रहे हैं।
हरिद्वार जिला पर्यटन अधिकारी सुरेश यादव का कहना है कि चारधाम यात्रा में कई प्रदेशों से यात्री आ रहे हैं, इस बार सरकार ने चारधाम यात्रा के लिए नि:शुल्क पंजीकरण की व्यवस्था शुरू की है, यात्रियों के ज्यादा संख्या में आने के कारण चारोंधामों के स्लॉट फुल हो गए हैं, जिसकी वजह से यात्रियों के सामने समस्या आ रही है। हरिद्वार और ऋषिकेश में लाखों श्रद्धालु स्लॉट फुल होने की वजह से परेशान हो रहे हैं।
देश के अलग-अलग राज्यों से आए श्रद्धालु स्लॉट बुक होने की वजह से परेशान हो रहे हैं। महाराष्ट्र से आई यशोदा का कहना है कि वह बुढ़ापे में चारधाम यात्रा के लिए आई थी और यहां पर स्लॉट नहीं मिल रहा है, उनके सभी पैसे भी खर्च हो गए हैं सरकार उनके दर्शन कराने की व्यवस्था करे।
वहीं मुंबई से आए गुलाब डाबी का कहना है कि वह घर से चारधाम यात्रा करने के लिए आए थे और जब यात्रा शुरू हुई थी तो प्रचार किया जा रहा था कि उत्तराखंड सरकार चारधाम यात्रियों को पूरी सपोर्ट करेगी लेकिन यहां पर सरकार की तरफ से कोई भी सपोर्ट नहीं मिल रहा है, उनका सारा बजट बिगड़ गया है, उन्होंने सरकार से इस स्थिति से निपटने के लिए कुछ करने को की मांग की है।
वहीं बांद्रा से आए के.के. तिवारी ने कहा है कि सभी स्लॉट फुल हो चुके हैं, सरकार को पेड वैकल्पिक व्यवस्था भी करनी चाहिए, जिससे हम अपनी यात्रा पूरी कर सके।
हरिद्वार में अचानक आई श्रद्धालुओं और यात्रियों की भीड़ पर यहां के व्यापारियों का कहना है कि यात्रा पूरे 06 महीने चलेगी, ना कि मई और जून में ही समाप्त हो जाएगी, यात्रियों को संयम रखते हुए चारधाम यात्रा करनी चाहिए और जो सरकार ने यात्रा के नियम बनाए हैं उनका पालन करना चाहिए। क्षमता से अधिक यात्री आ जाने से उत्तराखंड में व्यवस्था चरमरा गई है उन्होंने आने वाले यात्रियों से नियमों का पालन करने की अपील की हैं।