विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण शंकर राज की कोर्ट ने भूमि के श्रेणी परिवर्तन के एवज में रिश्वत लेते रंगेहाथ धरे गए एसडीएम के पेशकार को सात साल कैद व 30 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है।
21 मई 2010 को जिले के ग्राम औलिया, तहसील कोश्या कुटौली निवासी ललित मोहन सुयाल ने तहसील में एसडीएम रवनीत चीमा के पेशकार नरेंद्र दीक्षित निवासी के खिलाफ विजीलेंस में शिकायती पत्र भेजा।
24 मई को सतर्कता इकाई के निरीक्षकों ने पेशकार को कृषि भूमि को अकृषि घोषित करने के लिए 143 की कार्रवाई करने के एवज में 22 हजार रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।
मामले में संयुक्त निदेशक विधि सोहन चंद्र पांडे ने आरोप साबित करने के लिए सात गवाह पेश किए। इसमें तत्कालीन डीएम शैलेश बगौली शामिल थे। साक्ष्यों के अध्ययन व गवाहों के बयान के आधार पर कोर्ट ने पेशकार को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सात सात साल का साधारण कारावास व तीस हजार जुर्माने की की सजा सुनाई।