अभी तक आंतकी छुप कर वार करते थे। पर अब ऐसा मुमकिन नही होगा। आंतकियों का खात्मा करने के लिए जल्द ही सेना के जवानों को तीसरी आंख मिलने वाली है।
सुरक्षा की दृष्टि से पश्चिमी देशो और इजरायल जैसी जगहों पर ऐसी तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है जो दुश्मनों के हर मुवमेंट पर नजर रख सके। और अच्छी बात ये भी है कई ये तकनीक सफल है। तकनीक यानी तीसरी आंख का नाम है फोलिएज पैनिट्रेटिंग रडार। यानि ऐसा रडारयुक्त कैमरा जो घने जंगलों में छिपे हुए आतंकियों को पल भर में खोज लेगा।
एनएसए अजीत डोभाल ने सुरक्षा बलों के इस रडार के इस्तेमाल का निर्देश दिया। और पाकिस्तान के साथ एलओसी पर इस रडार के सहारे एक ऐसी अभेद्य दीवार खड़ी की जा रही है जिसको लांघ कर आतंकी घाटी में किसी वारदात को अंजाम देने से पहले सुरक्षा बलों के निशाने पर आ जाएं। इस रडार को इजरायल से खरीदा जा रहा है।
ऐसे करता है काम
- रडार को अलग.अलग लोकेशन पर फिट किया जाएगा।
- रडार को एक सेन्ट्रल मॉनिटिरीग कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा।
- रडार किसी भी मूवमेंट को पकड़ने के साथ ही उस जगह की इमेज और वीडियो बना कर सीधा कंट्रोल रूम तक पहुंचाएगा।
- इस तकनीक के सहारे आतंकियों की लोकेशन और संख्या के साथ साथ उनके पास मौजूद हथियार और गोला बारूद की जानकारी भी कंट्रोल रूम को देगा।