देहरादून/मसूरी – राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने मसूरी झील के पानी के व्यावसायिक उपयोग पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। इससे मसूरी के होटल व्यवसायियों के सामने संकट खड़ा हो गया है। उधर, एनजीटी के आदेशानुसार एसडीएम मसूरी ने नौ फरवरी को शहर के सभी विभागों के अधिकारियों व होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों की बैठक बुलाई है।
एसडीएम शैलेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि एनजीटी ने कार्तिक शर्मा बनाम उत्तराखंड राज्य याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया है। याचिका में कहा गया है कि धोबीघाट वाटर स्प्रिंग से पानी निकालने के कारण झील का प्राकृतिक बहाव बिगड़ रहा है। साथ ही जलीय जीवों को भी नुकसान पहुंच रहा है।
इसे एनजीटी ने गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी देहरादून सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। एसडीएम ने बताया कि इस आदेश का पालन करवाने के लिए सभी अधिकारियों व होटल व्यवसायियों की बैठक बुलाई गई है। बैठक में इस संबंध में सख्त निर्देश जारी किए जाएंगे। बताया जा रहा है कि मसूरी के होटल व्यवसायी उक्त झील का पानी टैंकरों में भरकर अपने होटलों में ले जाते हैं और पानी की आपूर्ति करते हैं।