सपने वो नहीं जो आप सोने पर देखतें हैं, सपने वो होते हैं जो आपको सोने नहीं देते.. इसी मिसाल को सच बनाया है उत्तराखंड के बेटे ने. एक बार फिर उत्तराखंड का नाम रौशन हुआ है. सपने को साकार करने का जज्बा ही शिवांश जोशी की सफलता का एक मूल मंत्र है, जो उसने कम उम्र में ही पा ली. शिवांश बचपन से ही चाहते थे कि वह देश की सेवा करें. उनका सपना था कि वह इसके लिए थल सेना में भर्ती हों. सेना के प्रति झुकाव ही था कि उन्होंने आईआईटी में चुने जाने के बाद ही वहां दाखिला नहीं लिया. शिवांश को इसी साल जेईई की परीक्षा में भी सफलता मिली पर अपनी लगन और कड़ी मेहनत की वजह से उत्तराखंड के शिवांश ने भारतीय रक्षा अकादमी (NDA) की प्रवेश परीक्षा में टॉप किया है. उन्होंने यह साबित किया कि अगर आपको लक्ष्य पता है तो आप मेहनत करके उसे हासिल कर सकते हैं. शिवांश अब एनडीए की ट्रेनिंग के लिए जाएंगे.
शिवांश ने भारतीय रक्षा अकादमी की प्रवेश परीक्षा में 97 प्रतिशत अंक प्राप्त किये हैं. 17 साल के प्रतिभावान छात्र शिवांश ने इसी साल लिटिल स्कालर स्कूल से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है. शिवांश के पिता संजीव जोशी वर्तमान में हल्द्वानी में भारतीय जीवन बीमा निगम में सहायक प्रशासनिक अधिकारी हैऔर उनकी मां तनुजा जोशी ग्राम चिल्किया के प्राथमिक विद्यालय में बतौर अध्यापिका की सेवाएं दे रही हैं.