एक ऐसा मंदिर जहाँ किसी भगवान की नही बल्कि होती है कुत्तों की पूजा, जानें!

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आज हम एक ऐसे मंदिर के बारे में बात करने जा रहे हैं जिसमें किसी भागवान नही बल्कि एक कुत्ते की पूजा की जाती है. जी हाँ छत्तीसगढ़ में दुर्ग जिले के खापरी गाँव में स्थित कुकुरदेव का प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर की सबसे अजीब बात यह है कि इस मंदिर में किसी देवी-देवता की नहीं बल्कि कुत्ते की पूजा की जाती है।

यहाँ के स्थानीय लोगों का ऐसा मानना है कि इस मंदिर में पूजा करने से कुकुर खाँसी और कुत्ते के काटने जैसी गंभीर समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। पास में ही मालीधोरी नाम का एक गाँव है, जिसका नाम मालीधोरी नाम के एक बंजारे के नाम पर रखा गया है। उन्ही के कुत्ते के नाम पर यह मंदिर बनाया गया है। यहाँ पर किसी का इलाज नहीं होता है लेकिन लोगों के अनुसार यहाँ आने वाले लोगों की समस्या ख़त्म हो जाती है।

  इसका निर्माण फणी नागवंशी शासकों द्वारा 14-15 वीं शताब्दी में करवाया गया था। मंदिर के गर्भगृह में एक कुत्ते की प्रतिमा स्थापित की गयी है और बगल में ही एक शिवलिंग भी स्थापित किया गया है। मंदिर 200 मीटर के दायरे में फैला हुआ है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर दोनों तरफ कुत्ते की प्रतिमा लगायी गयी है। लोग शिवलिंग के साथ ही कुकुरदेव की भी पूजा करते हैं। मंदिर के गुम्बद पर चारो दिशाओं में नाग के चित्र बने हुए हैं।

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