उत्तराखंड हाईकोर्ट द्वारा की गयी सख्ती के बाद के प्रशासन ने हरकत में आते हुए गंगा को प्रदूषित करने वाले होटल, धर्मशाला और आश्रमों पर शिकंजा कसना प्रारम्भ कर दिया है। उत्तराखंड राज्य के हरिद्वार में शुक्रवार को प्रशासन ने एक होटल और एक आश्रम को सील कर दिया है।
जबकि आपको बता दे कि यह सिर्फ शुरुवात मात्र हो सकती है क्योकि प्रशासन द्वारा हरिद्वार के १२५ आश्रम, धर्मशालाओं और होटलों को चिह्नित किया जा चूका है जो सीधे गंगा में मैला और गन्दगी उड़ेल रहे हैं। 46 प्रतिष्ठानों ने तो नोटिस मिलने के बाद सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगवा लिये, लेकिन अभी भी 79 प्रतिष्ठानों ने इस दिशा में कोई सतर्कता नहीं दिखाई। प्रशासन इससे पहले भी दो बार इन प्रतिष्ठानों को नोटिस भेज चुका है और बुधवार को एक बार फिर सभी 79 प्रतिष्ठानों को नोटिस भेजा गया। 28 प्रतिष्ठानों ने नोटिस के जवाब में जल्द एसटीपी लगवाने का आश्वासन दिया है। शुक्रवार को नोटिस की समयावधि बीतने के बाद नगर आयुक्त अशोक पांडेय और गंगा अनुरक्षण इकाई के अधिकारियों ने संयुक्त कार्रवाई शुरू की।
इन होटल पर हुई कार्यवाही
प्रशासन की टीम ने भारी पुलिस बल के साथ सबसे पहले भूपतवाला के शिवसदन आश्रम पर कार्यवाही की, कार्यवाही से स्तब्ध हुए आश्रम के मैनेजर मुकेश ने टीम से थोड़ा वक्त देने का निवेदन किया, लेकिन टीम ने एक न सुनी। इसके बाद टीम होटल तारा विन पहुंची और होटल को सील कर दिया।
नगर आयुक्त अशोक कुमार पांडेय ने बताया कि कार्रवाई शनिवार को भी की जाएगी। उन्होंने बताया कि चिह्नित प्रतिष्ठानों से एसटीपी को लेकर शपथ पत्र लिया जा रहा है। जिन्होंने शपथपत्र दे दिए हैं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और गंगा अनुरक्षण इकाई उनका सत्यापन करेगी।