श्रीनगर{पौड़ी}- उत्तराखंड में जलवायु परिवर्तन और एरोसॉल पर मंथन के लिए देशभर के एक हजार से अधिक लब्ध प्रतिष्ठित वैज्ञानिक श्रीनगर गढ़वाल में जुटेंगे। इस दौरान उत्तराखंड में वायु की गुणवत्ता के कारणों की भी समीक्षा होगी। इसके साथ-साथ लोगों के स्वास्थ्य और कृषि हिमालयी क्षेत्र की जलवायु पर एरोसॉल (वातावरण में मौजूद धूल के ऐसे कण जिन्हें खुली आंख से नहीं देखा जा सकता) के प्रभावों का अध्ययन भी वैज्ञानिक अपने इस मंथन में करेंगे। यह कार्यक्रम गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग की ओर से आगामी 21 से 23 अक्टूबर तक आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला के दौरान किया जायेगा। इसके लिए एक अक्टूबर तक वैज्ञानिकों के पेपर स्वीकार किए जाएंगे और 15 अक्टूबर तक पंजीकरण होगा। विवि के चैरास परिसर स्थित ऑडिटोरियम में होने वाली इस कार्यशाला में देशभर के आइआइटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) व विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिक और उद्योग जगत से जुड़े विषय विशेषज्ञ भाग लेंगे।