
मुस्लिम युवक के हिंदू लड़की से विवाह के मामले में दायर याचिका को निरस्त करते हुए न्यायमूर्ति राजीव शर्मा की एकलपीठ में प्रदेश सरकार को धर्मांतरण पर एक्ट लाने का सुझाव दिया है एकल पीठ ने कहा है कि ईट बनाते समय धार्मिक भावनाओं पर आघात ना हो वह सिर्फ शादी के उद्देश्य से धर्म परिवर्तन न किया जाए साथ ही कोर्ट ने कहा कि कोर्ट का कार्य सरकार को एड बनाने में राय देना नहीं पर बदलते सामाजिक परिवेश में यह जरूरी हो गया है. दरअसल रुद्रपुर से एक युवती के लापता होने के बाद परिजनों ने कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण की याचिका दायर की थी बाद में पता चला कि लड़की को दूसरे धर्म के युवक ने जबरन रखा हुआ है कोर्ट के आदेश पर युवक-युवती 14 नवंबर को कोर्ट में पेश हुए. लड़की ने बताया कि उसने लड़की के साथ हिंदू रीति रिवाज से शादी कर ली है युवक ने हिंदू धर्म स्वीकार कर अपना नाम बदल लिया है.
हाईकोर्ट के एकलपीठ मैं रुद्रपुर के एक मामले के निस्तारण के वक्त न्यायमूर्ति राजीव शर्मा ने अपनी राय जाहिर करते हुए राज्य सरकार को हिमाचल और मध्यप्रदेश की तर्ज पर फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट बनाने का सुझाव दिया है. हाईकोर्ट के सुझाव के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि वह केस की स्टडी के बाद जरूरत पड़ने पर हिमाचल और मध्यप्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में धर्मांतरण एक्ट लागू करेंगे.