देहरादून – जुलाई महीने से उत्तराखंड को जीएसटी क्षतिपूर्ति की भरपाई नहीं होगी, केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी छतिपूर्ति की भरपाई सभी राज्यों को बंद कर दी गई है। जीएसटी छतिपूर्ति की मियाद 5 साल की रखी गई थी जिसका समय 30 जून को पूरा हो गया है, ऐसे में उत्तराखंड को राजस्व का एक बड़ा नुकसान होगा।
पहले ही जीएसटी व्यवस्था लागू होने के बाद उत्तराखंड राजस्व की कमी झेल रहे टॉप थ्री राज्यों में शामिल है। मौजूदा साल में ही उत्तराखंड को जीएसटी से वैट की तुलना में बहुत कम राजस्व मिला है। वही अब केंद्र से जीएसटी क्षतिपूर्ति की व्यवस्था जुलाई से बंद कर दी गई है, इससे राज्य सरकार के सामने नई विकास योजनाओं को मंजूर करने में दिक्कत आ सकती है।
केंद्र सरकार ने वर्ष 2017 में जीएसटी व्यवस्था लागू की थी। इसमें राज्यों के वैट की तुलना में राजस्व कम मिलने पर भरपाई की व्यवस्था की गई थी। यह व्यवस्था पांच साल के लिए थी जो इस साल जून में समाप्त हो गई। इससे उत्तराखंड के राजस्व में बड़े नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है शुरुआती आंकड़ों के आधार पर तकरीबन 5000 करोड का सालाना नुकसान राज्य को होगा, इसलिए राज्य सरकार ने केंद्र से जीएसटी क्षति पूर्ति के लिए इसकी अवधि आगे और बढ़ाने की मांग की है।
जीएसटी काउंसिल की हालही में चंडीगढ़ में हुई बैठक में राज्य को मिलने वाली क्षतिपूर्ति अगले पांच साल तक जारी रखने का अनुरोध किया गया है। वित्त मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीता रमन से मुलाक़ात की थी और उनसे राज्य की जीएसटी क्षतिपूर्ति की मियाद आगे बढ़ाने की मांग रखी है। जीएसटी क्षतिपूर्ति नहीं मिली तो राज्य को सालाना 5000 करोड़ के नुकसान का अनुमान है।