देहरादून – प्रदेश में अब हर साल अधिकतम 13 महिलाओं को तीलू रौतेली पुरस्कार मिलेगा। हर जिले से एक महिला को इसके लिए चयनित किया जाएगा। वहीं 35 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया जाएगा। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के सचिव हरि चंद सेमवाल के मुताबिक विभाग की ओर से आदेश में बदलाव कर पुरस्कारों की अधिकतम संख्या तय की गई है।
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से राज्य स्तरीय कगायान समिति की शिफारिश पर चयन किया गया। जिसमे अल्मोड़ा से साहित्यिक क्षेत्र में कार्य के लिए डॉ. शशि जोशी, खेल के क्षेत्र में कार्य के लिए बागेश्वर जिले से दीपा आर्य, चमोली जिले से सामाजिक क्षेत्र में कार्य के लिए मीना तिवाड़ी, बालिका शिक्षा एवं सामाजिक कार्य के लिए चम्पावत जिले में मंजू बाला, पत्रकारिता के क्षेत्र में देहरादून जिले से नलिनी गोसाई, खेल के क्षेत्र में हरिद्वार जिले से प्रियंका प्रजापति, शिक्षा एवं स्वच्छता के क्षेत्र में नैनीताल जिले से विद्या मेह्तोलिया, अदम्य साहसिक कार्य के लिए पौड़ी से सावित्री देवी को सम्मान मिलेगा।
महिला स्वयं सहायता के क्ष्टर में कार्य के लिए पिथौरागढ़ जिले से दुर्गा खड़ायत, आजीविका संवर्धन के क्षेत्र में कार्य के लिए रुद्रप्रयाग जिले से गीता रावत, सामाजिक क्षेत्र में कार्य के लिए उत्तरकाशी जिले से लता नौटियाल एवं खेल के क्षेत्र में कार्य के लिए उधम सिंह नगर जिले से प्रेमा विश्वास को चयनित किया गया है।
विभाग के सचिव के मुताबिक अब हर जिले से एक महिला या किशोरी को तीलू रौतेली पुरस्कार से पुरस्कृत किया जाएगा। वहीं राज्य स्तरीय आंगनबाड़ी पुरस्कार के लिए अधिकतम 35 कार्यकर्ताओं का चयन किया जाएगा। सचिव के मुताबिक विभाग में 105 परियोजनाएं हैं। हर साल 35 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पुरस्कृत किया जाएगा। इस तरह तीन साल में सभी परियोजनाओं से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुरस्कृत होंगी। जिस आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को इस साल पुरस्कृत किया जाएगा, उसे अगले साल पुरस्कृत नहीं किया जाएगा।
पिछले साल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुरस्कार राशि 31 हजार रुपये से बढ़ाकर 51 हजार रुपये किए जाने की घोषणा की थी, लेकिन इस बार पुरस्कार राशि 31 हजार ही है। सचिव हरि चंद्र सेमवाल के मुताबिक सीएम घोषणा सेल व वित्त से औपचारिक आदेश जारी न होने से पुरस्कार की धनराशि इस बार भी पूर्ववत रहेगी।