उत्तराखंड की बेटी सविता कंसवाल ने कर डाला एवरेस्ट फ़तेह।

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उत्तरकाशी – उत्तरकाशी के विकासखंड भटवाड़ी के सुदूर लौंथरू गावं की सविता कंसवाल ने विश्व की सबसे उंची छूती माउंट एवेरस्ट पर तिरंगा फ़हरा एक बार फिर उत्तराखंड का नाम बढ़ाया है। सविता कंसवाल ने 12 मई की सुबह नौ बजे एवरेस्ट का सफल आरोहण किया है। सविता ने इससे पहले भी कई चोटियां पर सफल आरोहण किये है। सविता ने गत वर्ष एवरेस्ट मैसिफ अभियान के तहत दुनिया की चौथी सबसे ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से 8516 मीटर का सफल आरोहण किया। माउंट ल्होत्से पर तिरंगा लहराने वाली सविता कंसवाल भारत की दूसरी महिला पर्वतारोही है।सविता ने नेपाल की एक कंपनी की मदद और तीन साथियों के साथ माउंट एवेरस्ट पर सफल आरोहण किया।

सविता का जीवन काफी आर्थिक तंगी से गुजरा है, चरों बहनों में सबसे छोटी होने के बावजूद भी सविता ने कभी अपने मामा-पिता को कभी बेटे की कमी महसूस होने नहीं दी। सविता ने 2013 में नेहरु पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी से पर्वतारोहण का बेसिक कोर्स किया है।

सविता ने अभी तक इन प्रमुख चोटियों का आरोहण किया है –

माउंट एवरेस्ट 8848.86 मीटर – नेपाल, ल्होत्से 8516 मीटर – नेपाल, त्रिशूल 7120 मीटर – उत्तराखंड, हनुमान टिब्बा 5930 मीटर – हिमाचल प्रदेश, कोलाहाई 5400 मीटर – जम्मू-कश्मीर, द्रौपदी का डांडा 5680 मीटर – उत्तराखंड, तुलियान 5500 मीटर – जम्मू-कश्मीर, लाबूचे 6119 मीटर – नेपाल, चंद्रभागा 6078 मीटर – हिमाचल प्रदेश

सविता ने अपने हौसले के बूते पहाड़ से भी ऊंची विपरीत परिस्थितियों को घुटने टेकने को विवश कर एवरेस्ट विजेता बनी हैं। सविता के इस सफल अभियान पर अभियान पर निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट, प्रसिद्ध गीतकार प्रसून जोशी,  एलारा केपिटल के राज भट्ट, ओमेक्स फाउंडेशन के ऑनर मोहित गोयल, साम्राज्य ग्लोबल कंपनी के मालिक सुधीर बिंजोला, राजीव मेहता, वत्शला, टीएचडीसी के प्रदीप नैथानी सहित कई व्यक्तियों ने बधाई दी है।

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