इस पहाड़ी छोरे ने बड़े बड़े महारथो को छोड़ा पीछे!

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 कुलदीप राणा,रुद्रप्रयाग : भले ही पहाड़ों में अध्यापकों की कमी के चलते सरकारी विद्यालयों की स्थिति हाशिए पर खड़ी हो किन्तु जिन स्कलों में अध्यापक समर्पण भाव से बच्चों का पढ़ा रहे हैं उन स्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय डाँगी-गुनाऊँ का एक छात्र रोहित रौतेला विज्ञान प्रतियोगिता में ब्लाॅक और जिला स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया, वहीं प्रदेश स्तर पर तीसरा स्थान प्राप्त किया।        रोहित को ‘‘अपशिष्ट प्रबंधन एवं जलाशयों का संरक्षण’’ विषय पर प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए कहा गया था और इस प्रतिभाशाली छात्र ने दिन रात इस पर कार्य किया और इसे प्रदेश स्तर तक पहचान दिलाई। बड़ी बात यह है कि अभी तक अध्यापकों ने प्लावन का सिद्धांत नहीं पढ़ाया है किन्तु इस छात्र ने अन्य जगह से प्लावन का नियम सीख कर नदियों से किस प्रकार कूड़े को बाहर किया जा सकता है वह उदाहरण प्रस्तुत करके दिखाया। अगर इस प्रोजेक्ट पर आगे बड़े स्तर पर कार्य किया जाय तो नमामी गंगे जैसे योजनाओं में यह मील का पत्थर सिद्ध हो सकता है।

 

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