महाराष्ट्र में रेप की सजा काट रहे एक शख्स को योग खूब काम आया। नागपुर की सेंट्रल जेल में बंद शीतल कावले को 40 दिन पहले ही रिहा कर दिया गया क्योंकि उसने योग अभ्यास की परीक्षा में सबसे ज्यादा अंक पाए थे।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2012 में शीतल कावले को एक रिश्तेदार से रेप के दोष में नागपुर की लोकल कोर्ट ने सजा सुनाई थी । महाराष्ट्र राज्य जेल विभाग द्वारा कराई गई योग की परीक्षा में उसके बढ़िया प्रदर्शन के चलते उसे रिहा कर दिया।
योग ने कराई सजा माफ
सचिन और बालु पुंड नाम के दो लोगों की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। 2011 में शोषण के मामले में दोनों को भी दोषी ठहराया गया था और औरंगाबाद सेंट्रल जेल में रखा गया था। दोनों ने योग में अच्छे अंक हासिल किए और सजा पूरी होने से पहले ही रिहा कर दिया गया।
जेल अधिकारी ने बताया, ‘योग का टेस्ट 100 नंबर का था। शीतल कावले ने 75 फीसदी से ज्यादा नंबर पाए और इसलिए उसकी 40 दिन की सजा माफ कर दी गई।’ जेल विभाग का कहना है कि यह विचार उन्होंने इजराइल जेल से लिया है, जहां ऐसी प्रैक्टिस है।