भारत एक ऐसा राष्ट्र है जिसका इतिहास शायद अनादिकाल से चला आ रहा है। यहां कई ऐसे ऋषि-महर्षियों ने जन्म लिया जिनके द्वारा प्रदान की गई शिक्षा और विद्याएं आज भी उतना ही औचित्य रखती हैं जितना कभी रखा करती थीं।ज्योतिष शास्त्र से लेकर विज्ञान और गणित तक के कई ऐसी सिद्धांत हैं जिनकी स्थापना पौराणिक समय में ही कर दी गई थी।हमेशा से ही भारत के प्रमुख धर्मों में से एक रहे सनातन धर्म की विशेषताओं को भी दरकिनार नहीं किया जा सकता। इस धर्म में पत्थर, पेड़-पौधे तक यहां तक कि प्रकृति के हर हिस्से को इंसान के जीवन से कुछ ऐसे जोड़ा है कि एक हैरतंगेज संबंध जैसा बन गया है।पत्थर की मूर्ति में भगवान के दर्शन हो जाते हैं और पेड-पौधे, नदियां सब अलौकिक महत्व रखती हैं। जो भी है यह सब हिन्दू परंपरा के अनुयायियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।
वृक्षों का महत्व
आर्थिक समस्या:-कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में धन की कमी जैसे हालातों का सामना नहीं करना चाहता। लेकिन अगर किसी कारणवश ऐसी स्थिति आ गई है तो अशोक के पेड़ की जड़ को आमंत्रण देकर या फिर दुकान से लेकर आएं।इस जड़ को किसी पवित्र स्थान पर रखने से धन से जुड़ी समस्या समाप्त हो जाएगी।
पारिवारिक कलह:-पति-पत्नी के बीच तनाव या फिर पारिवारिक कलह को शांत करने के लिए अशोक के 7 पत्तों को मंदिर में रख दें। मुरझाने के बाद इन पत्तों को हटाकर दूसरे नए पत्ते ले आएं और पुराने पत्तों को पीपल के पेड़ की जड़ में डाल दें। यह उपाय करने से पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ता है।
सुख-शांति:-घर में कोई उत्सव या त्यौहार हो, या फिर कोई शुभ कार्य होना हो तो अशोक के पत्तों की वंदनवार बनाकर दहलीज के बाहर कुछ ऐसे लगाएं कि हर अंदर आने वाले व्यक्ति के सिर पर वे स्पर्श हों। इसके प्रभाव से घर में सुख-शांति बनी रहती है।अशोक के पत्ते वाकई चमत्कारी होते हैं। वंदनवार के हरे पत्तों के अलावा सूखे पत्ते भी काफी कारगर लाभदायक हैं। ये घर के भीतर नकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश को बाधित करते हैं।इस वंदनवार को तब तक नहीं उतारा जाना चाहिए जब तक कि दूसरा मांगलिक अवसर ना आ जाए।
अशोक के बीज:-तांबे की ताबीज में अशोक के बीज धारण करने से लगभग हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है। ना तो व्यक्ति को धन से जुड़ी कोई दिक्कत आती है और ना ही उसकी गरिमा कम होती है।
मां दुर्गा की कृपा:-दुर्गा के भक्तों और उनकी कृपा पाने की लालसा रखने वाले व्यक्तियों को प्रतिदिन अशोक के पेड़ की जड़ में पानी चढ़ाना चाहिए।जल चढ़ाते समय देवी का जाप या उनका ध्यान अवश्य किया जाना चाहिए। इस उपाय को करने से बिगड़ती किसमत भी बन जाती है।
सिर पर धारण करना:-अशोक के पत्तों को किसी भी रूप में सिर पर धारण करने से भी सफलता के साथ-साथ अन्य कई लाभ मिलते हैं।
चिकित्सीय लाभ:-धार्मिक लाभ के अलावा अशोक के पेड़ के कई चिकित्सीय लाभ भी है। यह एक बेहतरीन औषधि की तरह उपयोग किया जाता है।
स्त्री रोग में फायदेमंद:-अशोक की छाल को पानी में उबालकर पीने से स्त्रियों को लाभ मिलता है। यह कई रोगों की दवा भी है। अशोकारिष्ट इसी वृक्ष से बनाई जाने वाली दवा है।
शहद के साथ सेवन:-अशोक के फूलों को पीसकर अगर शहद के साथ उनका सेवन किया जाए तो यह स्वास्थ्य के लिए वरदान साबित होते हैं।
खजाना:-कभी-कभी लगता है सनातन परंपरा एक खजाने की तरह है, जिसे जितना टटोलो, हर बार कुछ ना कुछ बहुमूल्य हाथ लगता ही है।