नई दिल्ली: भारत में रूसी राजदूत अलेक्जेंडर कदाकिन का संक्षिप्त बीमारी के बाद गुरुवार को एक अस्पताल में निधन हो गया. वह 67 साल के थे. मंझे हुए राजनयिक कदाकिन धारा प्रवाह हिंदी बोलते थे और उन्हें भारत का करीबी मित्र समझा जाता था. अधिकारी ने बताया कि 67 वर्षीय कदाकिन ने अपनी आखिरी सांस आठ बजकर 56 मिनट पर एक निजी अस्पताल में ली.
वह भारत में रूस के राजदूत के तौर पर 2009 से ही काम कर रहे थे. भारत और रूस के संबंधों को प्रोत्साहन देने में उल्लेखनीय भूमिका निभाने का श्रेय उन्हें जाता है. कदाकिन का भारत में राजदूत के तौर पर यह दूसरा कार्यकाल था. इससे पहले वह 1999 से लेकर 2004 तक भी भारत में रूस के राजदूत रह चुके हैं. कदाकिन ने 1972 में भारत स्थित रूसी दूतावास में तृतीय सचिव के तौर पर अपने कूटनीतिक कॅरियर की शुरूआत की. वह धारा प्रवाह हिंदी बोलते थे और इस देश से उन्हें काफी प्यार था.
रूसी दूतावास द्वारा जारी एक वक्तव्य में कहा गया कि बहुत खेद और दुख के साथ सूचित किया जाता है कि भारत में रूस के राजदूत अलेक्जेंडर कदाकिन का 26 जनवरी को संक्षिप्त बीमारी के बाद नयी दिल्ली स्थित एक अस्पताल में निधन हो गया. वक्तव्य में कहा गया कि वह नवंबर 2009 से नयी दिल्ली में रूसी कूटनीतिक मिशन के प्रमुख पद पर आसीन थे. वक्तव्य में कहा गया, ‘‘1971 से शुरू होकर अलेक्जेंडर कदाकिन का समूचा कूटनीतिक कॅरियर रूस-भारत संबंधों को प्रोत्साहन देने से करीबी तौर पर जुड़ा हुआ था.’’
मौत से काफी दुखी हैं मोदी
पीएम मोदी ने कहा है कि वह कदाकिन की मौत से काफी दुखी हैं. मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘राजदूत अलेक्जेंडर कदाकिन के निधन से काफी दुखी हूं. वह सराहनीय व्यक्तित्व वाले राजनयिक थे. भारत के अच्छे दोस्त और धाराप्रवाह हिंदी बोलने वाले वक्ता, जिन्होंने भारत और रूस के बीच आपसी रिश्ते को मजबूत करने में काफी योगदान दिया.’’
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कदाकिन के निधन से भारत ने अपना एक मूल्यवान दोस्त खो दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘अलेक्जेंडर कदाकिन के रूप में हमने अपना मूल्यवान दोस्त खो दिया, जिन्होंने विशिष्ट रूसी राजनयिक के तौर पर कई दशकों तक भारत-रूस संबंधों को विकसित किया.’’
सोनिया गांधी ने प्रकट किया शोक
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी रूसी राजदूत कदाकिन के निधन पर शोक प्रकट करते हुए इसे व्यक्तिगत क्षति बताया. अपने शोक पत्र में सोनिया ने लिखा, ‘‘मेरे और मेरे परिवार के लिए अलेक्जेंडर कदाकिन का निधन एक निजी क्षति है. प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी उन्हें काफी सम्मान के साथ देखते थे और उनकी मैत्री को काफी महत्व देते थे.’’