आपदा में अब तक 48 लोगों की मौत, मारे गए लोगों को चार लाख का मुआवजा देगी सरकार….

आपदा में अब तक 48 लोगों की मौत, मारे गए लोगों को चार लाख का मुआवाजा देगी सरकार

 

 

कुमाऊं में सोमवार और मंगलवार को बेमौसम बादल काल बनकर बरसे। भूस्खलन, मकान ढहने, आदि कारणों से 42 लोगों की मौत हो गई, जबकि कुछ लोग लापता हैं। नैनीताल में 29, अल्मोड़ा में 6, चंपावत में 4, पिथौरागढ़, बागेश्वर और ऊधमसिंह नगर में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। आधिकारिक आंकड़ों में मृतकों की संख्या हालांकि 35 बताई गई है।

 

 

 

 

 

 

 

प्रदेश में दो दिनों की बारिश से आई आपदा में मृतकों की कुल संख्या 48 पहुंच गई है। उधर, गढ़वाल में मंगलवार को किसी की मौत की खबर नहीं है। सोमवार को यहां तीन मौतों की सूचना थी। गढ़वाल में मौसम साफ होने से बंद मार्गों को खोलकर चारधाम यात्रियों व अन्य फंसे लोगों को निकालने का काम दिन भर चलता रहा। कुमाऊं में बारिश ने सोमवार और मंगलवार को भारी तबाही मचाई। नैनीताल जिले में सबसे अधिक 29 लोगों की मौत हुई है। इनमें तोषापानी (धारी तहसील) में पांच, चौकुटा में छह, सकूना (रामगढ़) में नौ, कैंची में दो, बोहराकोट (रामगढ़) में दो, क्वारब में दो और रामगढ़ में एक और नैनीताल में एक व्यक्ति की मौत हो गई। अल्मोड़ा जिले में आपदा की भेंट चढ़े छह लोगों में तीन लोग रापड़ गांव के एक ही परिवार के थे। इनकी पहचान अमर उजाला के पूर्व पत्रकार आनंद नेगी और उनके परिवार के दो अन्य सदस्यों के रूप में हुई है। चितई की एक महिला और अल्मोड़ा के एनटीडी क्षेत्र की एक युवती की भी मलबे में दबने से मौत हो गई। स्याल्दे में भी एक महिला की मलबे में दबने से मृत्यु हुई है। चंपावत के तेलवाड़ में भूस्खलन की चपेट में आने तीन और पाटी में एक महिला की जान चली गई।

मृतकों के परिजनों को मिलेगी चार लाख की मदद
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंगलवार शाम रुद्रपुर क्षेत्र में जलभराव से हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने प्रभावितों को हरसंभव मदद का भरोसा दिया। कहा कि प्रदेश में बड़ी आपदा आई है, जिसमें जनहानि के साथ ही पशु हानि भी हुई है। आपदा में जान गंवाने वालों के परिजनों को चार लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी।

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