आखिर क्यों परेशान है बीजेपी अध्यक्ष अजय भट्ट !

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट की अगुवाई में प्रदेश में बीजीपी की सरकार तो बन गई, लेकिन उन्हें अपनी हार का मलाल अब तक है। तभी तो उन्होंने ये बयान देकर राजनितिक गलियारों में तूफान मचा दिया है। उन्होंने अपने ताजा बयान में कहा कि सीएम हो या कोई और… सब संगठन से बड़ा कोई नहीं है।
दरअसल पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के जन्मदिन पर आयोजित कार्यक्रम में सीएम को चेहरा दिखाने की होड़ में भाजपा कार्यकर्त्ता इतना मगन हो गए कि सब कुछ भूल गए। कार्यक्रम में सीएम के साथ सेल्फी लेने के चक्कर में मंच की व्यवस्था गड़बड़ा गई। इससे आहत भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने तल्खी भरे अंदाज में कहा कि ये प्रवृति अच्छी नहीं है। भट्ट ने कहा कि संगठन में अध्यक्ष की अहमियत सबसे ज्यादा है,फिर वो मंडल अध्यक्ष ही क्यों न हो।
अब सवाल ये है कि सरकार बड़ी या संगठन, यह भाजपा में चर्चा का विषय बना हुआ है। राजनितिक गलियारों में यंहा तक चर्चा हो रही है कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चुनाव में सीएम की दौड़ में थे, अगर वो जीतते तो खुद सीएम बनते, लेकिन अजय भट्ट चुनाव हार गए। वंही विपक्ष भी अजय भट्ट पर तंज कसता रहा है कि भट्ट सीएम की रेस में थे लेकिन उनको अपनी हार का आजतक मलाल है। चर्चा तो यंहा तक है कि इन दिनों सीएम त्रिवेंद्र रावत बीजेपी अध्यक्ष अजय भट्ट को ज्यादा तवज्जो नहीं दे रहे है जिस वजह से अजय भट्ट सरकार के कामकाज पर सवाल उठा रहे है। इस बात में कितनी सचाई है ये तो सीएम त्रिवेंद्र रावत और खुद अजय भट्ट ही अच्छी तरह जानते है।

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