बड़ी खबर : प्रदेश की सियासत में इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मंत्रियों की मुलाकात का विषय काफी चर्चा में बना हुआ है चर्चा इस बात की कि आखिरकार प्रधानमंत्री ने पिछले 3 सालों में उत्तराखंड के किसी भी मंत्री से इस तरह से मुलाकात नहीं की है लेकिन एक हफ्ते के अंदर राज्य सरकार के दो मंत्रियों का प्रधानमंत्री से मिलना राजनीतिक पंडितों के गले नहीं उतर रहा है
राज्य में भाजपा की सरकार है लिहाजा मंत्रियों का PM से मिलना चर्चा का विषय भला कैसे हो सकता है। तो हम आपको बता दें कि अचानक से राज्य के वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने पहले पीएम से मुलाकात की और एक हफ्ते के अंदर ही त्रिवेंद्र खेमे के माने जाने वाले मंत्री और सरकारी प्रवक्ता मदन कौशिक ने भी बुधवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात की
यह बात किसी से छुपी नहीं है कि भाजपा की जीत के बाद राज्य के मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार में से एक अगर कोई विधायक था तो वह प्रकाश पंत ही थे जानकार ऐसा मानते हैं कि अगर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ योगी आदित्यनाथ उत्तराखंड के शपथ ग्रहण समारोह से 1 दिन पहले ले लेते तो राज्य में समीकरण प्रकाश पंत के साथ ही होते
हालांकि इस मुलाकात के बाद प्रकाश पंत ने यही कह रहे है कि उन्होंने पीएम से मिल कर राज्य के वित्त हालातों पलायन और अपने द्वारा लिखी गई एक पुस्तक भेंट करने के लिए ही वह पीएम से मिले थे लेकिन अंदरखाने कहा जा रहा है कि उन्होंने संघ के दूसरे नेताओं के साथ साथ भाजपा के बड़े नेताओं को भी यह संदेश दिया है कि राज्य में बड़ी मात्रा में ब्राह्मण रहते हैं लिहाजा दोनों ही राज्यों में ठाकुर मुख्यमंत्री बनने से कहीं ना कहीं निराशा का भी माहौल है प्रकाश पंत खेमा लगातार इस बात के साथ शुरुआती दिनों से ही आला कमान पर दबाव बनाने की कोशिश करता रहा है
प्रकाश पंत की अचानक से पीएम से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री के करीबी और मुख्यमंत्री के बाद अगर कोई नाम सुर्खियों में है तो वह है मदन कौशिक, लिहाजा मदन कौशिक को फौरन प्रधानमंत्री से मिलने के लिए सीएम ने भेजा। मदन कौशिक की भी एक मुलाकात पहले से तय नहीं थी लिहाजा अचानक से पीएम के पास पहुंचे मदन मदन कौशिक ने PM से राज्य के राजनीतिक हालात कुंभ स्मार्ट सिटी सहित कई दूसरों मुद्दों पर भी बातचीत कि ऐसा ऐसा प्रवक्ता मदन कौशिक ने पीएम से मुलाकात के बाद बताया आखिरकार ऐसी क्या जरूरत पड़ी कि प्रधानमंत्री को एक हफ्ते के अंदर ही दो मंत्रियों से बातचीत करनी पड़ी इस बात को लेकर के भी राज्य में कई तरह की चर्चाएं बनी हुई है
इतना ही नहीं 3 दिन पहले राज्य के मुख्यमंत्री भी नागपुर जा गए थे हालांकि CM की तरफ से इस दौरे को लेकर जो जानकारी दी गई थी वह कुछ इस तरह थी की सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत नागपुर में कैंसर अस्पताल के साथ-साथ उद्योगपतियों से बैठक करने के लिए गए थे लेकिन बताया जा रहा है कि उनकी वहां मुलाक़ात संघ के बड़े नेताओं से भी हुई थी अब उस मुलाकात में किस तरह की चर्चा हुई यह बात तो सामने नहीं आई है लेकिन 10 दिनों के अंदर ही इन मुलाकातों का क्या मतलब है ये साफ बताता है कि राज्य की राजनीति में कुछ चल रहा है