देहरादून। चिन्हित राज्य आंदोलनकारी सीमांत क्षेत्र मोरी में बन रही जल विद्युत परियोजना का पुरजोर विरोध करेंगे। इस संदर्भ में चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों ने प्रदर्शन भी किया।
भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित जनपद उत्तरकाशी के सीमांत क्षेत्र मोरी तहसील क्षेत्र अंतर्गत सतलुज जल विद्युत सुपिन नदी पर 44 मेगावाट क्षमता की परियोजना का चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति पुरजोर विरोध करेगी। प्रभावित ग्राम जऽोल सुन कंडी पाव तला पाव मल्ला के ग्रामीणों ने चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति के केंद्रीय अध्यक्ष जेपी पांडे के नेतृत्व में भारी संख्या में रैली निकालकर इस 44 मेगा वाट के विरोध में भारत सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन किया तथा राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया।
इस अवसर पर हुई सभा को संबोधित करते हुए समिति के केंद्रीय अध्यक्ष जेपी पांडे ने कहा कि जनपद उत्तरकाशी के सीमांत विकासखंड मोरी के ग्राम पंचायत जखोल सुन कंडी धारा पाओ ताला मल्ला के ग्रामों की कृषि क्षेत्र आरक्षी वन क्षेत्र राजस्व वन पंचायत क्षेत्रें की भूमि जल ड्डोत ग्रामवासियों के भवनों मंदिरों आदि प्रभावित क्षेत्रोंं को इन ग्रामों के नीचे से सूप इन नदी की 9 किलोमीटर सुरंग के अंदर परिवर्तन करने से जलवायु पर पर्यावरण का भी संकट मंडराएगा। श्री पांडे ने कहा कि भारत सरकार के दिशा निर्देश पर हिमाचल प्रदेश द्वारा सूप इन नदी पर 44 मेगा वाट क्षमता की परियोजना का पूरे क्षेत्र में विरोध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जनपद उत्तरकाशी भूकंप पीड़ित जनपद है जहां कभी भी भूकंप आने से 9 किलोमीटर की सुरंग के ऊपर के ग्राम जमीदोज हो जाएंगे।
प्रदर्शनकारियों में समिति के मोरी अध्यक्ष राजेंद्र रावत महामंत्री विपिन चौहान जयवीर रावत विजय लाल शाह सुरेंद्र पुजारी बृजेंद्र विश्वकर्मा आनंद सिंह रावत भगवान सिंह रावत विजेंद्र रावत चंडी पोखरियाल रामेश्वर देवी आदि लोग शामिल थे।