नई दिल्ली : केंद्र जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेताओं की विदेश यात्रा कठिन बनाकर तथा उनकी सुरक्षा कम कर उनके प्रति अपना रुख कड़ा कर सकता है। सरकारी खजाने की कीमत पर उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाती है।
सांसदों की अलगाववादियों द्वारा जानबूझकर अनदेखी किये जाने से नाखुश केंद्र कुछ मामलों में उनका पासपोर्ट वापस लेकर तथा यात्रा दस्तावेजों से इनकार कर उनकी विदेश यात्राओं पर अंकुश लगाने के कदमों पर विचार कर रहा है। राज्य के दौरे पर गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के कुछ सांसदों ने अलगाववादियों से मिलने की कोशिश की थी।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा, केंद्र उनके बैंक खातों को भी खंगालेगा तथा उनके विरूद्ध दर्ज मामलों की लंबित जांच भी पूरी करेगा ताकि जमीनी स्तर पर इस बात का कड़ा संदेश जाए कि कश्मीर घाटी में आठ जुलाई को हिज्बुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से अशांति पैदा करने के लिए युवकों को भड़काने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
माकपा सांसद सीताराम येचुरी, जदयू के शरद यादव, राजद के जयप्रकाश यादव, एआईएमआईएम के असादुद्दीन ओवैसी और भाकपा के डी राजा हुर्रियत नेताओं से मिलने गए थे।
सूत्रों ने बताया कि वैसे इन मुद्दों पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की कल की बैठक और सरकार में उच्च स्तर पर विचार-विमर्श के बाद निर्णय किया जाएगा। इस प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में राज्य का दौरा किया था