…और ऐसे कांपे एडीजी अशोक कुमार से माफिया, हो रही है एडीजी की सराहना।

जोहड़ी गांव का भूमि घोटाला, अब जमीन सरकार के खाते में : एडीजी लॉ एंड ऑर्डर

एस.एस. तोमर
देहरादून। बहुचर्चित जोहड़ी गांव भूमि घोटाले पर भले ही एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार की सतर्कता से मामला सुलझ गया है और भ्रष्टाचारी जेल गए हैंं लेकिन 26 वीघा जमीन ग्राम समाज को वापस मिलना काफी महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। इस संदर्भ में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार से बातचीत हुई। श्री कुमार का कहना है कि यह हाईप्रोफाईल मामला मेरे सामने तब आया जब माह फरवरी, 2018 में कर्नल सोबन सिंह दानू, मुझसे मिले और उक्त मामले की शिकायत की। कर्नल दानू ने बताया कि वह एक दिव्यांग हैं, उन्हें युद्ध के दौरान अपने साहस का परिचय देते हुए अपंगता हुई थी, जिसके लिए उन्हें इस ग्राम समाज की भूमि का पट्टा मिला था। जब वे भूमि पर कब्जा लेने गये, तो पाया कि उक्त भूमि एक बड़े विल्डर के नाम पर है। एस0आई0टी0 जांच में भी लैंड फ्रॉड होना पाया गया। उन्होने कहा कि इस मामले में हाईप्रोफाईल लोगों के जुड़े होने के कारण कई बार शिकायत करने के बाद भी कार्यवाही नहीं हुई है।
मैने तुरंत इस हाईप्रोफाईल मामले का संज्ञान लिया और एसएसपी देहरादून को इस लैंड फ्रॉड के सम्बन्ध में थाना राजपुर में मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना विशेष टीम से कराने हेतु निर्देशित किया।
संज्ञान में आया है कि जिलाधिकारी देहरादून द्वारा उक्त ग्राम समाज की 2 हेक्टेयर (26 बीघा) भूमि को वापस ग्राम समाज के नाम कर दिया गया है।

उत्तराखंड में पहली बार ऐसी कार्रवाई हुई है जो लोगों के लिए लाभकारी तथा भूमाफियाओं के लिए बहुत बड़ी चोट है। इस कार्रवाई सेसरकारी जमीनों में और बढ़ोतरी हुई है। जो भूमि माफिया हड़प रहा था, वह अब सरकार में निहित हो रही है। एडीजी लॉ अशोक कुमार ने न केवल भूमाफियाओं पर पुलिस का शिकंजा बढ़ाया है वरन कागजों में हेरफेर कर सरकारी जमीन बेचने वाले कानूनगो तक को गिरफ्तार करा लिया है। यह मामला शहर से सटे जोहड़ी गांव में प्रकाश में आया था, जहां लगभग 40 करोड़ की भूमि का हेरफेर किया गया।
पुलिस सूत्रों का मानना है कि अपर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार सचेत न होते तो मामला काफी गंभीर हो सकता था। 26 वीघा जमीन को खुर्दबुर्द कर 40 करोड़ का भूमि घोटाला करने वाले प्रोपर्टी डीलर हरी नागर ऊर्फ हरीकांत नागर को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया। कनाटप्लेस निवासी हरीकांत नागर 23 मार्च को गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जबकि इसी मामले में आरोपी तत्कालीन लेखपाल और वर्तमान कानूनगो हीरा सिंह बिष्ट निवासी धर्मपुर डांडा को 21 मई को गिरफ्तार कर लिया गया है। 59 वर्षीय श्री बिष्ट पर आरोप है कि उन्होंने कागजों में हेराफेरी कर आरोपियों को लाभ पहुंचाया। अपर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के संज्ञान में यह मामला फरवरी 2018 को आया था। मामले को लेकर कर्नल सोबन सिंह दानू अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) अशोक कुमार से मिले और इस मामले की जानकारी दी।

इस जानकारी पर त्वरित कार्यवाही करते हुए अपर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून को मुकदमा पंजीकृत करने के आदेश दिए। राजपुर थाने में मुकदमा अपराध संख्या 13/18 के तहत दर्ज किया गया। इस प्रकरण 420, 447, 467, 468, 471 तथा 120 पी की धाराएं लगाई गई। इस मामले की जांच सहायक पुलिस अधीक्षक सुश्री निहारिका भट्ट के नेतृत्व में उपनिरीक्षक नत्थीलाल उनियाल तथा उनकी टीम ने की। इसमें एसओजी तथा अन्य एजेंसियों ने भी सहयोग दिया, जिससे बड़े खेल का खुलासा हुआ।
प्रोपर्टी डीलर हरीकांत नागर और ओल्ड सर्वे रोड निवासी गोपाल गोयनका ने यह भूमि जोहड़ी गांव निवासी शमशेर बहादुर, फुरकान अहमद तथा शाह जमानी से पावर ऑफ अटार्नी ली थी। जांच के अनुसार मूल कागजों में 0.244 और 0.489 हेक्टयर भूमि की पैमाइश ही बदल दी। दोनों माप के आगे जीरो के स्थान पर एक लगा दिया और राजस्व अभिलेखों में छेड़छाड़ कर दो हेक्टेयर भूमि जो लगभग 26 वीघा होती है, अपने नाम करा ली। इतना ही नहीं इस भूमि को करोड़ों में एक बड़े बिल्डर को बेच दिया गया।
पुलिस ने विवेचना में पाया है कि अभिलेखों में छेड़छाड़ की गई है जिसमें राजस्वकर्मी भी शामिल है। लोग मानने लगे हैं कि पुलिस में अभी भी ईमानदारी जिंदा है, लोग ऐसे अफसर की सराहना कर रहे हैं जिन्होंने माफियाओं को शिकंजा कसा है और जमीन सरकार में निहित कर दी।

 

 

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