अपनी मांगों को लेकर विभिन्न संगठनों का विधानसभा कूच, पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रोका……

देहरादून- उत्तराखंड बेरोजगार महासंघ के बैनर तले प्रदेशभर के बेरोजगार युवाओं ने आज विधानसभा कूच किया। जहां पुलिस ने उन्हें रिस्पना पुल से पहले बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। इस पर प्रदर्शन कार वहीं धरने पर बैठ गए और मुख्यमंत्री को बुलाने की मांग करने लगे। उन्होंने कहा कि जब तक कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलता, वे धरने पर ही डटे रहेंगे। इस दौरान संगठन के संरक्षक कमलेश भट्ट ने कहा कि प्रदेशभर में बेरोजगार युवाओं की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है। जिन युवाओं के हाथों में पढ़ने के लिये किताबें होनी चाहिए वे आंदोलन को मजबूर हैं। भट्ट ने कहा कि तमाम विभागों में उपनल व आउटसोर्स के माध्यम से भर्ती की जा रही है। इसमें ज्यादातर भर्तियां पहुंच और पैसे वालों की होती है। बाद में यही लोग नियमितिकरण की मांग करते हैं। जिस कारण यह प्रदेश आंदोलनों का गढ़ बन गया है।उन्होंने कहा कि राज्य में भर्तियां सीधी भर्ती की ओर से की जाएं। यदि संविदा पर पद भरे जाएं तो चयन बोर्ड के माध्यम से विधिवत प्रक्रिया अपनाकर की जाए। भट्ट ने कहा कि यह विडंबना ही है कि उत्तराखंड में भर्तियां न्यायालय के आदेश पर शुरू और न्यायालय के आदेश पर ही खत्म होती है। फार्म निकलने के कई-कई साल तक प्रक्रिया संपन्न नहीं होती। इसके कई उदाहरण हैं। जिस कारण युवाओं में रोष पनप रहा है। उन्होंने कहा कि भर्तियों के लिए निश्चित कैलेंडर जारी किया जाए। सबयबद्ध ढंग से भर्तियां संपन्न की जाएं। तमाम परीक्षाओं में गड़बड़ी पर उन्होंने पारदर्शी व्यवस्था अपनाने की मांग की।

वंही उत्तरांचल आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के छात्र छात्राएं फीस वृद्धि के विरोध को लेकर नेहरू कॉलोनी से विधानसभा तक कूच किया। पुलिस ने बैरिकेडिंग से पहले उन्‍हें रोक दिया, जिसके बाद वे धरने पर बैठ गए। छात्र आयुष मंत्री डॉ हरक सिंह रावत के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। चिह्नित राज्य आंदोलनकारियों ने किया प्रदर्शन। इसके साथ ही राज्य आंदोलनों की लंबित समस्याओं को लेकर डिफेंस कॉलोनी बैरिकेडिंग के पास पहुंचे, चिह्नित राज्य आंदोलनकारियों को पुलिस ने रोक दिया। इस दौरान पुलिस ने उन्‍हें गिरफ्तार कर लिया।

 

 

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