सूर्य का किसी राशि विशेष पर भ्रमण करना संक्रांति कहलाता है. सूर्य जब मकर राशि में जाता है तब मकर संक्रांति होती है. इस समय सूर्य उत्तरायण होता है अतः इस समय किये गए जप और दान का फल अनंत गुना होता है. कहते हैं इसी त्यौहार पर सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने के लिए आते हैं.
मकर संक्रांति के दिन जहां कुछ कामों को करना शुभ माना जाता है तो वहीं कुछ कार्यों को वर्जित किया गया है.
- कुछ लोग बिना नहाये चाय या नास्ता कर लेते हैं लेकिन इस दिन भूल से भी बिना स्नान किये ऐसा करना अशुभ माना जाता है.
- इस दिन महिलओं को बाल भी नही धोने चाहिए.
- मकर संक्रांति के दिन किसी को भी पेड नही काटने चाहिए, क्योंकि ये त्यौहार हरियाली का प्रतीक माना जाता है.
- इस दिन भूल से भी नशा नही करना चाहिए[ शराब, पान , सिगरेट आदि]. मकर संक्रांति के दिन केवल मूंग की दाल की खिचड़ी, तिल आदि का सेवन ही करना चाहिए.
- हो सके तो शाम के वक्त अनाज का सेवन ना करें. और हो सके तो भैंस या गाय का दूध भी नही पीना चाहिए.
- इस दिन अगर घर पर कोई मांगने वाला आये तो उसे खाली हाथ न लौटने दें.