अगर बिजनेस मे हो रहा है नफे की जगह नुकसान, तो करे यह उपाय, बढ़ेगा बिजनेस और चलने लगेगी दुकान, तरक्की देख पड़ोसी हो जाएंगे हैरान……..

छोटी सी दुकान हो या फिर बड़ा शो रूम, व्यापार में तरक्की पाने के लिए लोग क्या-क्या नहीं करते। दुकान में नींबू मिर्ची लटकाने से लेकर लोहबान सुलगाने तक सभी तरह के टोटके आजमाते हैं। लेकिन बावजूद इसके जब लक्ष्मी बगल वाली दुकान पर अपनी कृपा बरसाती नजर आए तो आखिर आदमी क्या करे? व्यापार में सफलता पाने के लिए कोई भी उपाय करने से पहले मसलन दुकान आदि में तोड़-फोड़ करवाने की बजाय पहले यह अवश्य जान लें कि वर्तमान में आपका समय कैसा समय चल रहा है। यदि समय लगभग प्रतिकूल हो और तमाम कोशिशों के बावजूद आपको बिजनेस में सफलता न मिल रही हो, तो जान लीजिए कि किसी भी प्रकार का वास्तु उपाय आपके काम नहीं आने वाला है। इसलिए सबसे पहले प्रतिकूल समय को अनुकूल बनाने का ज्योतिषीय उपचार करें।

जानें कौन सी चल रही है दशा
सबसे पहले यह जानें कि किस ग्रह (गोचर) के कारण या दशा, महादशा के कारण आपको बार-बार असफलता मिल रही है। यदि जन्मकालिक ग्रह अच्छे हैं और मात्र गोचर के विपरीत ग्रह प्रभाव के कारण आपकी दुकान या व्यवसाय नहीं चल रहा है, तो संबंधित ग्रह का मंत्र पाठ करें तथ निम्न मंत्र का नित्य पाठ आपको चमत्कारिक फायद देगा।
ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु।।
मंत्रों से मनाए ग्रहों को
संबंधित ग्रह का मंत्र पाठ या जाप निम्नवत हैं –
सूर्य –  ॐ घृणिः सूर्याय नमः – न्यूनतम ३ माला जाप करें।
चंद्र –  ॐ सं सोमाय नमः – न्यूनतम २ माला जाप करें।
मंगल – ॐ अं अंगारकाय नमः – न्यूनतम १ माला जाप करें।
बुध – ॐ बुं बुधाय नमः – न्यूनतम ५ माला जाप करें।
बृहस्पति – ॐ गां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः – न्यूनतम १० या ७ माला जाप करें।
शुक्र – ॐ शुं शुक्राय नमः – न्यूनतम ११ माला जाप करें।
शनि – ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनिश्चराय नमः – न्यूनतम १, ५  या ११ माला जाप करें।
राहु – ॐ रां राहवे नमः – न्यूनतम ४ या ११ माला जाप करें।
केतु – ॐ के केतवे नमः – न्यूनतम ६ या ११ माला जाप करें।
दान से होगा कल्याण
यदि प्रतिकूल दशा या महादशा के चलते आपका बिजनेस प्रभावित हो रहा है, तो सबसे पहले आप अपने लग्नेश का रत्न धारण करें। साथ ही प्रतिकूल ग्रह का कम से कम 23,000 या 54,000 जाप कराएं। ग्रहों की शुभता को पाने के लिए उनके दिन के अनुसार निम्न वस्तुओं का दान करें –
चंद्रमा – सोमवार के दिन मोती, चावल, चीनी, सफेद कपड़े, दूध, दही, चांदी का दान प्रत्येक सोमवार को करें। ध्यान रहे पूर्णिमा तथा सोमवार को सूर्यास्त के समय का दान विशेष लाभदायी होता है।
मंगल – मंगलवार को प्रात:काल मूंगा, लाल सिंदूर, गेहूं, गुड़, लाल पुष्प, लाल मसूर, स्वर्ण आदि का दान करें। दोपहर बाद इन वस्तुओं का दान विशेष फलदायी होता है।
बुध – बुधवार को प्रात:काल हरा कपड़ा, पन्ना, अनाज, मंगा, कपूर, फल, कांस्य या सोना आदि का दान विशेष फलदायी होता है।
बृहस्पति – बृहस्पतिवार के दिन पीला फल, पीला कपड़ा, पुखराज, स्वर्ण, दाल, केला, पीला पुष्प, हल्दी, धार्मिक पुस्तकें आदि का दान विशेष फलदायी होता है।
शुक्र – शुक्रवार के दिन चावल, घी, उड़द, चांदी, सफेदन चंदन, सफेद वस्त्र, स्फटिक, हीरा, ओपल, अमेरिकन, डायमंड, चीनी, मिश्री का दान करें।
शनि – कला, उड़द, तिल, नीलम, लोहा, काला कपड़ा, काला छाता, आदि। काली गाय को अपने हिस्से की रोटी के साथ गुड़ खिलाएं।
राहु – नीला कपड़ा, गोमेद, गेहूं, सरसों का तेल, लोहा आदि का दान विशेष फल देने वाला होता है। काले कुत्ते को रोटी खिलाने से भी विशेष लाभ मिलता है।
केतु – शनिवार की शम को तिल, कंबल, झंडा, लोहा, लहसुनिया, आदि का दान करें।

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