दशहरा के मौके पर पीएम मोदी लखनऊ से: आतंक को पनाह देने वालों को बख्‍शा नहीं जा सकता

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लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को दशहरा के अवसर पर ऐतिहासिक ऐशबाग रामलीला में हिस्सा लेने के लिए लखनऊ पहुंचे। पीएम मोदी ने इस मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि विजयादशमी के मौके पर हमें अपने भीतर की 10 बुराइयों को खोजकर खत्म करने की जरूरत है। पीएम ने कहा कि आतंकवाद का समर्थन करने वाले लोगों के लिए माफी नहीं हो सकती। आतंकवाद को जड़ से मिटाने की जरूरत है। पीएम ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ पहली लड़ाई किसी नेता ने नहीं बल्कि जटायु ने लड़ी थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विजयादशमी की शुभकामनाएं देते हुए ‘जयश्रीराम’ के उद्घोष के साथ भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि ‘मुझे अति प्राचीन रामलीला समारोह में आने का सौभाग्‍य मिला. इसी धरती ने श्रीराम और कृष्‍ण दिए . विजयादशमी का पर्व असत्‍य पर सत्‍य की विजय का पर्व है.

आतंकवाद बोलते हुए पीएम ने कहा, ”रामायण गवाह कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ने का काम सबसे पहले जटायू ने किया. एक स्त्री का अपहरण करके ले जा रहे सामर्थवान रावण से लड़ना आतंकवाद से लड़ने जैसा ही था. हम अगर राम नहीं बन सकते तो कम से जटायू बनकर आतंकवाद पर नजर तो रख सकते हैं.”

पीएम मोदी ने कहा, ”एक बार जब मैं एक अमेरिका के एक बड़े अधिकारी से बात कर रहा था तो उन्होंने कहा कि ये आपके लॉ एंड ऑर्डर की समास्या है. लेकिन 26/11 के बाद पूरी दुनिया ने आतंकवाद को समस्या माना. आतंकवाद की कोई सीमा नहीं है.”

पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए पीएम ने कहा, ”जो लोग आज आतंकवाद को पनाह दे रहे हैं उन्हें छोड़ा नहीं जा सकता है. आतंकवाद को खत्म किए बिना मानवता की रक्षा संभव नहीं है. ”

पीएम ने कहा, ”आंतकवाद और दुराचार भी आतंकवाद का एक रूप हैं. इन्हें खत्म करने के लिए हमें संकल्पबद्ध होना पड़ेगा.” लोगों को स्वच्छता का महत्व बताते हुए पीएम ने कहा, ”गंदगी भी रावण का एक छोटा सा रूप है. ये हमारे छोटे छोटे गरीब बच्चों की जान ले रही है. हमें मिलकर इस गंदगी रूपी रावण को खत्म करना होगा.”

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लखनऊ एयरपोर्ट पर यूपी के राज्यपाल राम नाइक, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उनका स्वागत किया.

ये पहला मौका है जब कोई प्रधानमंत्री लखनऊ के ऐशबाग रामलीला ग्राउंड में आयोजित होने वाले दशहरा समारोह में शामिल हुए. हालांकि सुरक्षा कारणों से प्रधानमंत्री रावण दहन के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए, लेकिन उन्‍होंने रावण वध का मंचन देखा.

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